Best Sanskrit Bio For Instagram : संस्कृत में अपना इंस्टाग्राम बायो लिखें और अपनी प्रोफाइल को एक अनोखा रूप दें। प्राचीन भाषा की सुंदरता के साथ अपनी आधुनिक पहचान को जोड़ें। यहाँ आपको मिलेंगे प्रेरणादायक श्लोक, सशक्त उद्धरण और मनमोहक वाक्य जो आपकी व्यक्तिगता को दर्शाएंगे। संस्कृत के साथ अपनी प्रोफाइल को बनाएं विशेष और आकर्षक।
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Best Sanskrit Bio for Instagram Boys & Girls
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।Hindi: सभी लोग सुखी रहें।
स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्याय्येन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु॥
Hindi:
लोगों का कल्याण हो। पृथ्वी के शासक पृथ्वी का उचित रूप से परिपालन करें। गायों और विद्वानों का सदैव शुभ हो। सभी लोग सुखी रहें।
शीलं परं भूषणम्।
Hindi:
अच्छा आचरण सबसे बड़ा आभूषण है।
उद्धरेदात्मनात्मानम्।
Hindi:
अपने मन की शक्ति द्वारा स्वयं को ऊपर उठाएँ।
उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः॥
Hindi:
अपने मन की शक्ति द्वारा स्वयं को ऊपर उठाएँ, न कि स्वयं को नीचा दिखाएँ,
क्योंकि मन स्वयं का मित्र भी हो सकता है और शत्रु भी।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
Hindi:
सब रोगमुक्त हों।
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
Hindi:
सब सुखी हों। सब रोगमुक्त हों। सभी को समृद्धि मिले। कोई भी दुखी का भागी न हो।
ॐ शान्ति, शान्ति, शान्ति!
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥
Hindi:
वसुदेव के पुत्र कृष्ण को प्रणाम, जिसने कंस और चाणूर जैसे असुरों का वध किया,
जो देवकी के लिए महान् आनंद का स्रोत है, और जो जगत् का आध्यात्मिक गुरु है।
ॐ शान्ति, शान्ति, शान्ति!
धर्मो रक्षति रक्षितः।
Hindi:
रक्षित धर्म रक्षण करता है।
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्॥
Hindi:
आहत धर्म आहत करता है। रक्षित धर्म रक्षण करता है।
इसीलिए धर्म को आहत नहीं करना चाहिए, ताकि आहत धर्म हमें आहत न करे।
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥
Hindi:
इस को (आत्मा को) शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती,
जल गला नहीं सकता, और वायु सुखा नहीं सकती।
अति सर्वत्र वर्जयेत्।
Hindi:
हर स्थिति में अति को टालना चाहिए।
अतिरूपेण वै सीता चातिगर्वेण रावणः।
अतिदानाद्बलिर्बद्धो ह्यति सर्वत्र वर्जयेत्॥
Hindi:
अत्यधिक सुन्दरता के कारण सीताहरण हुआ। अत्यन्त घमण्ड के कारण रावण का अन्त हुआ।
तथा अत्यधिक दान देने के कारण बलि का दमन हुआ। अतः हर स्थिति में अति को टालना चाहिए।
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः।
Hindi:
इस दृश्यमान जगत् के त्याग द्वारा इसका उपभोग करना चाहिये।
अर्जुनस्य प्रतिज्ञे द्वे न दैन्यं न पलायनम्।
Hindi:
अर्जुन की दो प्रतिज्ञाएँ थीं — कभी असहाय न होना और कभी पलायन नहीं करना।
योग: कर्मसु कौशलम्।
Hindi:
योग ही कर्मों में कुशलता है।
बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते।
तस्माद्योगाय युज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम्॥
Hindi:
समबुद्धियुक्त मनुष्य इस जीवन में ही शुभ और अशुभ प्रतिक्रियाओं से छुटकारा पा लेता है।
इसलिए तू समत्वरूप योग में लग जा। यह योग ही कर्मों में कुशलता है।
रामो राजमणिः सदा विजयते।
Hindi:
राजमणि राम की हमेशा विजय होती है।
अहं ब्रम्हास्मि।
Hindi:
मैं ब्रह्म हूँ।
ब्रह्म वा इदमग्र आसीत्तदात्मानमेवावेदहं ब्रह्मास्मीति।
Hindi:
यह (स्वयं) वास्तव में शुरुआत में ब्रह्म था। वह अपने आप को केवल ‘मैं ब्रह्म हूँ’ ऐसे जानता था।
वीरभोग्या वसुंधरा।
Hindi:
पृथ्वी वीरों की है।
राज्यं दास्ये न देवेभ्यो वीरभोग्या वसुंधरा।
क्ञ्रणं दास्यामि ते रुद्र देवानां पार्टिसिने॥
Hindi:
(शङ्खचूड ने कहा,) मैं यह राज्य देवताओं को नहीं लौटाऊंगा क्योंकि यह पृथ्वी महान् योद्धाओं की है।
हे शिव! देवताओं के प्रति तुम्हारे पक्षपात के विरुद्ध मैं तुमसे लड़ूंगा।
स्वस्मै स्वल्पं समाजाय सर्वस्वम्।
Hindi:
स्वयं के लिए थोड़ा और दूसरों के लिए सब कुछ।
तत्कर्म यन्न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये।
आयासायापरं कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम्॥
Hindi:
कर्म वही है जो बन्धन का कारण न हो और विद्या वही है जो मुक्ति की साधिका हो।
इसके अतिरिक्त और कर्म तो केवल परिश्रमरूप है तथा अन्य विद्याएँ कला-कौशल मात्र ही हैं।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
Hindi:
जब जब धर्म का पतन और अधर्म का वृद्धि होती है, हे अर्जुन, तब मैं अवतारित होता हूँ।
यतो धर्मस्ततो जयः।
Hindi:
जहाँ धर्म है वहाँ विजय होती है।
उक्तवानस्मि दुर्बुद्धिं मन्दं दुर्योधनं पुरा।
यतः कृष्णस्ततो धर्मो यतो धर्मस्ततो जयः॥
Hindi:
दुष्ट मन्दबुद्धि दुर्योधन को मैंने पहले ही कहा था कि जहाँ कृष्ण है वहाँ धर्म है और जहाँ धर्म है वहाँ विजय है।
सङ्घे शक्तिः कलौ युगे।
Hindi:
कलियुग में समुदाय में शक्ति है।
न किञ्चिच्छाश्वतम्।
Hindi:
कुछ भी शाश्वत नहीं है।
धन्योऽस्मि भारतत्वेन।
Hindi:
भाग्य है मेरा, मैं भारतीय हूँ।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।
Hindi:
दूसरे के मार्ग पर चलना भयावह है।
इससे बेहतर है अपने कर्तव्य के निर्वहन में मरना।
एकोऽहं द्वितीयो नास्ति न भूतो न भविष्यति।
Hindi:
मैं अद्वितीय हूँ, मेरे जैसा न कोई है, न था, न होगा।।
अनुगृहीतास्म्यहम्।
Hindi:
मैं धन्य हूँ।
सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि॥
Hindi:
सुख-दुःख, हानि-लाभ, जय-पराजय को एक समान समझकर युद्ध करो।
ऐसा करने से तुम्हें पाप नहीं लगेगा।
तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून्भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्।
मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्॥
Hindi:
इसलिए उठो और यश प्राप्त करो। अपने शत्रुओं पर विजय पाकर समृद्ध राज्य का भोग करो।
ये (सब योद्धा) मेरे द्वारा पहले ही मारे जा चुके हैं, और हे सव्यसाची, तुम केवल निमित्त मात्र बनो।
स्वस्थस्य स्वास्थ्यरक्षणमातुरस्य विकारप्रशमनं च॥
Hindi:
स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा तथा रोगी के रोग का प्रशमन करना (आयुर्वेद का प्रयोजन है)।
यस्मान्नोद्विजते लोको लोकान्नोद्विजते च यः।
हर्षामर्षभयोद्वेगैर्मुक्तो यः स च मे प्रियः॥
Hindi:
जिसके द्वारा किसी को कष्ट नहीं होता और जो किसी से विचलित नहीं होता,
जो सुख-दुःख, भय और चिन्ता में समभाव रखता है, वह मुझे प्रिय है।
प्रार्थयामहे भव शतायुः।
ईश्वरः सदा त्वां च रक्षतु॥
पुण्यकर्मणा कीर्तिमर्जय।
जीवनं तव भवतु सार्थकम्॥
Hindi:
हम प्रार्थना करते हैं कि तुम सौ साल जियो। ईश्वर हमेशा तुमहारी रक्षा करे।
तुम अपने पुण्यकर्मों से कीर्ति अर्जित करो। तुमहारा जीवन सार्थक हो।
Sanskrit Bio for Instagram in Hindi
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते। तत्स्वयं योगसंसिद्धः कालेनात्मनि विन्दति॥Hindi : इस संसार में ज्ञान के समान पावन करने वाला कुछ भी नहीं है। जो योग सिद्धि प्राप्त करता है, वह समय के साथ अपने भीतर इस ज्ञान को पाता है।
चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम्।
Hindi :
रघुनाथ का चरित सौ करोड़ गुणा विस्तृत है।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥
Hindi :
(शिव पार्वती से कहते हैं): हे मनोरमा, राम, राम, राम, ऐसा जप करते हुए मैं राम में आनन्दित होता हूँ।
हे सुन्दर मुख वाली, राम नाम विष्णु के सहस्रनाम से तुल्य है।
चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम्।
एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्॥
Hindi :
रघुनाथ का चरित सौ करोड़ गुणा विस्तृत है।
इसका एक-एक अक्षर मनुष्यों के बड़े-बड़े पापों का विनाश करता है।
आत्मदीपो भव।
Hindi :
स्वयं अपने दीपक बनो।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्॥
Hindi :
परोपकार ही पुण्य है और दूसरों को पीड़ा पहुँचाना पाप है।
अष्टादशपुराणानां सारं व्यासेन कीर्तितम्।
परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्॥
Hindi :
अठारह पुराणों का निचोड़ व्यास ने दो वाक्यो में दिया है,
कि परोपकार ही पुण्य है और दूसरों को पीड़ा पहुँचाना पाप है।
यदभावि न तद्भावि भावि चेन्न तदन्यथा।
Hindi :
जो होना नियत नहीं है, वह होगा ही नहीं। जो होना नियत है, वह तो अवश्य ही होगा।
यदभावि न तद्भावि भावि चेन्न तदन्यथा।
इति चिन्ताविषघ्नोऽयमगदः किं न पीयते॥
Hindi :
जो होना नियत नहीं है, वह होगा ही नहीं। जो होना नियत है, वह तो अवश्य ही होगा।
चिन्तारूपी विष का शमन करने वाली इस बोधरूपी औषधि का सेवन लोग क्यों नहीं करते हैं?
मम नियतिं नियच्छामि।
Hindi :
मैं अपनी किस्मत को स्वयं नियन्त्रित करता/करती हूँ।
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते॥
Hindi :
जो दुःख में विचलित नहीं होता है और न सुख की लालसा करता है,
जो आसक्ति, भय और क्रोध से मुक्त है, वह स्थिर मन वाला मुनि कहलाता है।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
Hindi :
माँ तथा मातृभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ होती हैं।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
Hindi :
मैं शान्त आकृति वाले विष्णु की वन्दना करता हूँ, जो सर्प पर लेटा हुआ है, जिसकी नाभि पर कमल है, जो देवताओं का स्वामी है, विश्व का आधार है, जो आकाश की तरह विस्तृत है, जिसका रंग काले बादल की तरह है, जिसके अंग सुन्दर हैं, जो लक्ष्मी का प्रिय है, जिसकी कमल जैसी आँखें हैं, जो ध्यान साधना से योगियों द्वारा प्राप्य है, जो सांसारिक अस्तित्व के भय को दूर करता है, और जो सभी लोकों का एकमात्र नाथ है।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।
Hindi :
मैं शान्त आकृति वाले विष्णु की वन्दना करता हूँ, जो सर्प पर लेटा हुआ है, जिसकी नाभि पर कमल है, जो देवताओं का स्वामी है, विश्व का आधार है, जो आकाश की तरह विस्तृत है, जिसका रंग काले बादल की तरह है, और जिसके अंग सुन्दर हैं।
भयमेवास्ति शत्रुः।
Hindi :
भय ही शत्रु है।
ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानन्दविग्रहः।
अनादिरादिर्गोविन्दः सर्वकारणकारणम्॥
Hindi :
कृष्ण गोविन्द परमेशवर है, सच्चिदानन्द-स्वरूप है, अनादि और प्रथम है, तथा सब कारणों का कारण है।
अप्राप्यं नाम नेहास्ति धीरस्य व्यवसायिनः।
Hindi :
जिसके पास साहस है और जो मेहनत करता है, उसके लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं है।
Sanskrit Bio for Instagram Karma
दैवायत्तं कुले जन्म मदायत्तं तु पौरुषम्।Hindi: किसी कुल-विशेष में जन्म लेना तो किस्मत की बात है, लेकिन मेरा पौरुष मेरे वश में है।
सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम्।
सुखार्थी वा त्यजेद्विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत्सुखम्॥
Hindi:
सुखार्थी को विद्या कहाँ से मिले, और विद्यार्थी को सुख कहाँ से? अतः या तो सुख की कामना कर विद्या का त्याग कर देना चाहिये
अथवा विद्या की प्राप्ति के लिये सुख का परित्याग कर देना चाहिये।
सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम्।
Hindi:
सुखार्थी को विद्या कहाँ से मिले,
और विद्यार्थी को सुख कहाँ से?
अथातो ब्रह्मजिज्ञासा॥
Hindi:
अथ अतः ब्रह्म का अन्वेषण।
कृषिमूलं जगत्सर्वम्।
Hindi:
जगत् कृषि पर आधारित है।
शिवः सदा सहायते।
Hindi:
शिव हमेशा मदद करते हैं।
अयं बन्धुरयं नेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥
Hindi:
यह मित्र है और यह मित्र नहीं है, ऐसा छोटे मन वाले कहते हैं।
उदार लोगों के लिये तो सारा विश्व ही परिवार है।
ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः।
Hindi:
ब्रह्म सत्य है, जगत् मिथ्या है।
जीवात्मा ब्रह्म ही है, कुछ और नहीं।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
Hindi:
तुम्हे कर्म करने का अधिकार है, लेकिन कर्म के फलों का नहीं।
फल के हेतु कर्म मत करो और कर्म न करने में कभी आसक्त मत रहो।
वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः।
इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना॥
Hindi:
वेदों में मैं सामवेद हूँ। देवों में मैं इन्द्र हूँ। इन्द्रियों में मैं मन हूँ। और प्राणियों में मैं चेतना हूँ।
इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना॥
Hindi:
इन्द्रियों में मैं मन हूँ और प्राणियों में मैं चेतना हूँ।
सूतो वा सूतपुत्रो वा यो वा को वा भवाम्यहम्।
दैवायत्तं कुले जन्म मदायत्तं तु पौरुषम्॥
Hindi:
मैं चाहे सूत हूँ या सूतपुत्र, अथवा कोई और। किसी कुल-विशेष में जन्म लेना तो किस्मत की बात है, लेकिन मेरा पौरुष मेरे वश में है।
योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्यो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥
Hindi:
हे अर्जुन, योग में स्थित होकर, आसक्ति त्याग कर,
सफलता और असफलता के प्रति उदासीन होकर अपने कर्तव्य का पालन करो। ऐसी समता को योग कहते हैं।
Sanatani Sanskrit Bio for Instagram
नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते। स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्॥
Hindi :
इस प्रयास में कोई हानि या कमी नहीं है, और इस मार्ग पर थोड़ी सी उन्नति भी महान् भय से बचाती है।
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मताम्॥
Hindi :
देवी, महादेवी, शिवा, प्रकृति, भद्र स्वरूपिणी को सतत नमन है।
भक्तजन उसके आगे नतमस्तक हैं।
अन्नदाता सुखी भव।
Hindi :
अन्नदाता सुखी हो।
प्रेमशान्तिः आनन्दश्च।
Hindi :
प्रेम, शांति और आनंद।
मनो मा कदापि त्यज ब्रह्मसत्यं मनोऽसन्मतिं मा कृथाः सर्वथैव।
मनो ब्रूहि सत्यं सदा सद्विचोभिः मनोऽसत् त्यज प्राज्ञ मिथ्येति मत्वा॥
Hindi :
ओ मन, ब्रह्म के सत्य को कभी न छोड़ना, किसी भी विधि से मन के झूठी धारणाओं को कभी स्वीकार न करना।
ओ मन, श्रेष्ठ बुद्धिमानों के अनुसार सदैव सत्य कहना, मन की असत्यता को मिथ्या समझना, हे श्रेष्ठ बुद्धिमान!
चरन्मार्गान्विजानाति नक्षत्रैर्विन्दते दिशः।
आत्मना चात्मनः पञ्च पीडयन्नानुपीड्यते॥
Hindi :
तारों का अनुसरण करके एक भटकता यात्री मार्ग को जानता है,
और खुद में दिशा की खोज करता है, बिना किसी अन्य के प्रभाव में आने के।
चरन्मार्गान्विजानाति।
Hindi :
एक पथिक अंततः मार्ग को जान लेता है।
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरं॥
Hindi :
उसके होंठ मधुर हैं, चेहरा मधुर है,
उसकी आँखें मधुर हैं, और मुस्कान मधुर है।
उसका हृदय मधुर है, और चाल भी मधुर है।
मधुरता के स्वामी (श्री कृष्ण) का सब कुछ मधुर है!
पुनर्जन्मने म्रियामहे।
Hindi :
हम पुनर्जन्म लेने के लिए मरते हैं।
जीवन्तं मृतवन्मन्ये देहिनं धर्मवर्जितम्।
मृतो धर्मेण संयुक्तो दीर्घजीवी न संशयः॥
Hindi :
जो धर्मविहीन है, उसे मैं जीते-जी मरा मानता हूँ।
लेकिन जो धर्मपरायण है, वह मरने के बाद भी बेशक दीर्घकाल तक जीता है।
जीवितं क्षणविनाषि शाश्वतं किमपि नात्र।
Hindi :
जीवन क्षणभंगुर है। यहाँ कुछ भी शाश्वत नहीं है।
न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥
Hindi :
यह (आत्मा) न कभी जन्मता है और न कभी मरता है, और न ही यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है।
यह (आत्मा) अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है। शरीर के मरने पर यह नहीं मरता है।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे।
Hindi :
यह (आत्मा) अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है।
शरीर के मरने पर यह नहीं मरता है।